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*दोषी को मिला उपक्षेत्रीय प्रबंधक का संरक्षण* *शिकायत और जांच के बाद भी नही हुआ कार्यवाही* संतोष चौरसिया

*दोषी को मिला उपक्षेत्रीय प्रबंधक का संरक्षण*
*शिकायत और जांच के बाद भी नही हुआ कार्यवाही*
संतोष चौरसिया


जमुना कोतमा कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र के अंतर्गत कोतमा गोविंदा उपक्षेत्र के उपक्षेत्रीय प्रबंधक श्री आखरे द्वारा अपराधी प्रवृत्ति के दोषी कर्मचारी अनंत गर्ग, फोरमैन के विरुद्ध दर्जनों कर्मचारियों के लिखित शिकायत के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नही किया गया। जबकि अनंत गर्ग के विरुद्ध प्राप्त शिकायत पर श्री आर के चतुर्वेदी, वरि कार्मिक प्रबंधक को जांच सौंपी गई थी। जानकारी अनुसारी जांच उपरांत श्री आर के चतुर्वेदी द्वारा जांच प्रतिवेदन महाप्रबंधक संचालन को सौप दिया गया है। फिर भी उपक्षेत्रीय प्रबंधक एक भृष्ट फोरमैन को संरक्षण देकर उसका बचाव करते हुए अनंत गर्ग के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही कर रहे है। इससे श्रमिकों और शिकायतकर्ताओं के बीच उपक्षेत्रीय प्रबंधक श्री आखरे के चरित्र और छवि पर संदेह होने लगा है और मिलीभगत होने की चर्चा व्याप्त है।
मामला यह है कि गोविंदा साइडिंग में पदस्थ फोरमैन अनंत गर्ग अपने अधीनस्थ कार्यरत श्रमिकों पर दबाव बनाता रहता है कि मुझसे अपना बीमा करवाओ उसके बदले संडे ड्यूटी दूंगा। जब कोई श्रमिक अनंत गर्ग से बीमा करवाता है तब साल भर बाद पुनः नया बीमा करवाने का दबाव बनाना शुरू कर देता है। इससे श्रमिक अपने आर्थिक मजबूरी से मनाही कर देता है या कोई इनकार कर देता है। फिर यह होता है कि अनंत गर्ग उस श्रमिक को संडे ड्यूटी बंद कर डयूटी में परेशान करना और गाली-गलौज करना शुरू कर देता है। अनंत गर्ग के इस आचरण से त्रस्त होकर श्रमिकों ने अधिकारियों से कई बार मौखिक और लिखित शिकायत किया, किन्तु प्रबंधन द्वारा इसे संरक्षण प्राप्त होने से इसके विरुद्ध कोई कार्यवाही नही किया गया। जब पानी श्रमिकों के ऊपर से बहने लगा एवं इसके प्रताड़ना से तंग हो गए तब दिनांक 05/09/2020 को सामूहिक तौर पर एक पत्र लिखकर इसके कारनामों का शिकायत किया गया किस प्रकार से हम सभी श्रमिकों को यह ड्यूटी के दौरान प्रताड़ित करता आ रहा है। इस शिकायत के बाद अनंत गर्ग अपने बचाव ।के अपने आचरण के अनुसार खुराफाती बुद्धि का उपयोग कर एक षणयंत्र किया एवं उस षणयंत्र में अपने सहकर्मी फोरमैन जगन्नाथ वर्मा का सहयोग लेकर शिकायतकर्ताओं में से एक शिकायतकर्ता श्री राजेन्द, पंप ऑपरेटर के नाम से कूटरचित पत्र खान प्रबंधक को जगन्नाथ वर्मा को कार्यालय भेजकर दिनांक 14/09/2020 को डिस्पैच करवाया। जिसमे लिखा था कि मैं राजेन्द अनंत गर्ग के विरुद्ध मेरे द्वारा किया गया शिकायत को वापस लेता हूं । यह पत्र राजेन्द्र द्वारा लिखा गया है इसको सिद्ध करने के लिये एक महिला कर्मचारी राधा का भी हस्ताक्षर फर्जी किया गया कि मेरे सामने राजेन्द्र ने पत्र लिखा है। जब इसकी भनक राजेन्द्र को लगी तब राजेन्द्र ने इसकी शिकायत पत्र लिखकर दिनांक 16/09/2020 को खान प्रबंधक से किया कि मैंने इस प्रकार का कोई भी पत्र नही लिखा और न ही अपना शिकायत वापस लिया है। मेरे नाम और फर्जी हस्ताक्षर से अनंत गर्ग या उस फर्जी पत्र को डिस्पैच करने गए जगन्नाथ वर्मा द्वारा कूटरचना किया गया जिसका जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही किया जाय। राजेन्द्र द्वारा प्राप्त शिकायत पर मीरा खान के प्रबंधक ने जब राजेन्द्र और राधा से जानकारी लिया तब राधा ने बताया कि अनंत गर्ग ने एक पत्र में मुझसे दबाव डालकर दस्तखत करवाये थे। मुझे नही पता कि उसमें क्या लिखा था। राजेन्द्र ने बताया कि मेरे फर्जी दस्तखत कर शिकायत वापस लेने का पत्र मेरे द्वारा लिखा ही नही गया है।
पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है अनंत गर्ग जब इतना दुस्साहस बिना किसी कानून के भय के किसी कर्मचारी के नाम का दुरुपयोग और फर्जी हस्ताक्षर कर कूटरचना कर सकता है, जो कि एक अपराध के श्रेणी में आता है तब ऐसा व्यक्ति किसी भी प्रकार का कार्य अपने अधिकारी एवं अधीनस्थ के साथ कर सकता है। कंपनी के प्रमाणित स्थाई आदेश के अनुसार यह कृत्य गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है। निश्चित ही बीमा एजेंसी का कार्य भी जिस परिवार के सदस्य के नाम पर करता होगा उसमे भी फर्जी हस्ताक्षर स्वयं करता होगा तभी आदतन अपराध करने की हिम्मत है। श्रमिकों ने प्रबंधन से मांग किया है कि इसको स्थानांतरित कर इसके विरुद्ध जांच किया जाय ताकि जांच को पुनः कूटरचना और अपने पद के दुरुपयोग से प्रभावित न कर सके । जांच उपरांत कड़ी अनुशासनात्मक विभागीय कार्यवाही इसके विरुद्ध किया जाय अन्यथा पुलिस और न्यायालय की शरण मे हम सभी शिकायतकर्ता जाने को विवश होंगे। अतः उपक्षेत्रीय प्रबंधक आखरे एक भृष्ट फोरमैन के विरुद्ध कार्यवाही कर प्रबंधन की छवि को धूमिल होने से बचाकर श्रमिकों के मध्य न्यायिक मूल्यों को स्थापित करें

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