कोल इण्डिया के निजीकारण के विरोध में हिन्द मजदूर सभा ने किया प्रदर्शन
कोल सेक्टर का निजीकारण एक सोची समझी साजिश: अख्तर जावेद

कोल इण्डिया के निजीकारण के विरोध में हिन्द मजदूर सभा ने किया प्रदर्शन
कोल सेक्टर का निजीकारण एक सोची समझी साजिश: अख्तर जावेद
अनूपपुुुर। हिन्द मजदूर सभा के झगड़ाखाण्ड उपक्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष एक विशाल आम सभा कर निजीकरण की ओर सरकार की इस कार्यवाही का पुरजोर विरोध किया गया और आने वाले खतरों से अवगत कराया गया, सरकार ही जब यह सोच ले कि भारत का विकास यात्रा के वाहन ,सार्वजनिक उद्योग अपनी प्रासगिकता खो चुके है,प्राईवेट सेक्टर मे ही हर समस्या का हल है,चाहे वो विजय माल्या के नेतृत्व का हो या भूषण स्टील या आम्रपाली ग्रुप या सहारा इण्डिया अपोली हाॅॅस्पिटल या मेदांता हो कोई भी और कुछ भी हो बस प्राइवेट सेक्टर होना चाहिये तो मजदूरों का कौन सहारा बने? बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के ठोस इंतेजाम और कार्य योजना धन की व्यवस्था के करोडों मजदूरों के परिवारों को निजी मालिकों को रहमोकरम पर छोडना उचित नही है। उक्ताशय विचार कोयला मजदूर सभा के उप महामंत्री एवं कोल इण्डिया सेफ्टी बोर्ड सदस्य अख्तर जावेद उस्मानी ने एक सभा को संबोधित करते हुये कहा,जावेद उस्मानी ने यह भी कहा कि बीएसएनएल, आडिनेंस ,एयर इंडिया ,डाक्स एवं पोर्टस रेलवेज एयरपोट्र्स सभी क्षेत्रों का निजीकरण हो रहा है। अपुष्ट समाचार यह भी हैं कि इन सब में विदेशों में कुछ तत्व लेन देन भी कर रहे है, लेकिन कोयला खानो के मजदूरों को आयुध निर्माण कारखानों की तरह लम्बे संघर्षो के लिऐ तैयारी कर लेना चाहिये देश हित के नारों के बहाव में देश की संपत्ति को विदेशियों को न बेचा जाये ,यह हम मजदूरों को ही सरकारों को सोचने के लिये संघर्ष करना होगा उन्होने क्षेत्र में पीने के पानी की गुणवत्ता और रखरखाव ,खानों में कार्यस्थलों पर हवा की कमी का उल्लेख करते हुये कहा कि उत्पादन के नाम पर श्रमिकों के स्वास्थ्य की बलि ली जा रही है,और खदानों में आए दिन दुर्घटनाएं भी घटित हो रही हैं।