अनूपपुर

इंदिरा गांधी जनजाति विश्वविद्यालय के कार्य परिषद सदस्य नरेंद्र मरावी ने आज होने वाली बैठक को की स्थगित करने की मांग

अनुपपुर। कुलपति एवं अध्यक्ष कार्य परिषद इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में आज 13 अक्टूबर 2021को आयोजित होने वाली कार्यपरिषद की बैठक को तत्काल स्थगित करने के संबंध में स्थगन प्रस्ताव नरेंद्र सिंह मरावी कार्य परिषद सदस्य इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय ने रखा है। श्री मरावी ने पत्र में लिखा है कि अत्यंत दुर्भाग्य का विषय है कि आपके द्वारा विश्वविद्यालय में केवल जनजातियों के विरुद्ध में ही कार्य किया जा रहा है तथा लगातार जनजाति सदस्य की उपेक्षा, कार्य परिषद के सदस्य होने के बावजूद जनजातीय होने के कारण अपमान करना, गैर कानूनी रूप से कार्य परिषद का संचालन करना अपने शासकीय पद का दुरुपयोग करना तथा विश्वविद्यालय को निजी संपत्ति समझकर गैर कानूनी रूप से कार्य करने की कार्यवाही की जा रही है। श्री मरावी ने आगे लिखा है कि मैंने आज की कार्य परिषद का बैठक को स्थगित करने का स्थगन प्रस्ताव आपको दे रहा हूं क्योंकि मामला अत्यंत गंभीर है तथा हजारों छात्रों के भविष्य का सवाल है। आपके द्वारा जान बूझकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विपरीत जाकर पाठ्यक्रम का स्ट्रक्चर बनवाया गया है तथा जबरदस्ती बिना दिखाएं, बिना विचार विमर्श किए, बिना चर्चा किए,पाठ्यक्रम का स्ट्रक्चर जबरदस्ती पारित कराने की साजिश की गई है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2007 की धारा 24, 25, 26, 27, 28, 29 के अनुसार अलग-अलग समिति/परिषद में जनजाति सदस्यों की। संख्या पर्याप्त होनी चाहिए थी लेकिन अलग-अलग समिति/परिषद में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा ऐसा प्रयास किया गया है कि उसमें कम से कम जनजाति सदस्य रहें या ना रहे। आपके द्वारा किया गया कृत्य समस्त शिक्षा जगत को कलंकित करने वाला कार्य है मैं इस पत्र के प्रति भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा शिक्षा मंत्रालय के सचिव को भी प्रेषित किया गया है, इस पत्र की प्रतिलिपि भारत के महामहिम राष्ट्रपति को भी प्रेषित करके विश्वविद्यालय के द्वारा किए जा रहे गैर कानूनी एवं आपराधिक कृत्यों पर अपराध पंजीबद्ध करने का आवेदन भी जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक को दिया गया है,पत्र की प्रतिलिपि सूचनार्थ प्रेषित किया गया है। श्री मरावी ने मांग की है कि 13 अक्टूबर 2021 को आयोजित की गई कार्यपरिषद की बैठक को तत्काल स्थगित करने की मांग विश्वविद्यालय प्रबंधन से की है।

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