छत्तीसगढ़

शहीद वीर नारायण सिंह की शहादत दिवस को लेकर सर्व आदिवासी समाज की बैठक सम्पन्न
(हेमंत बघेल)
कसडोल। शहीद वीर नारायण सिंह की जन्मभूमि सोनाखान में प्रत्येक 10 दिसम्बर को वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी तारतम्य में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सर्व आदीवासी समाज की बैठक रविवार को ग्राम पंचायत भवन सोनाखान में रखा गया था। जहाँ शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतीमा में फूल माला अर्पित करते हुऐ, शुभ कार्य के लिय शहीद वीर नारायण सिंह के ईष्ट देव कुर्रूपाठ की पुजा अर्चना की गई। विदित हो कि यह बैठक सन् 2017 से सर्व आदीवासी समाज द्वारा प्रारंभ किया गया है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य है कि सोनाखान को मध्यप्रदेश शासित राज्य के समय से छ.ग .के सर्व प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह का शासन द्वारा प्रति वर्ष 10 दिसम्बर को श्रद्धांजलि शहदत दिवस के रुप में मनाते आ रहें। सोनाखान के राजा ने अपने प्रजा जनताओं का लालन पालन पोषण अच्छी तरह से किया करते थे। सन् 1857 में सोनाखान क्षेत्र में भीषण अकाल पड़ा जिसमे प्रजा चावल, दाल के लिऐ तरस्ते रहें थे। वही घरों में दो तीन दिन से चुल्हा नहीं जलता था। भूख के मारे ब्याकूल होते थें। राजा वीर नारायण सिंह से जनताओ का यह दुख देखा नहीं गया। और माखन साव मालगुजार खरौद और कसडोल के माल गुजार से अनाज उधार लेकर मांगा गया था, लेकिन मांगने पर भी नहीं मिला। अन्त में प्रजाओ के प्राणपति ने अपनी वीरता का रुप इन अँग्रेज समर्थक मालगुजारों के गोदाम से अनाज लुटवाकर अपने समस्त प्रजाओ के लिऐ बाट दिया गया। और पालन पोषण किया गया था। अनाज लुटने के आरोप में मालगुजारो ने अँग्रेज शासन के पास रिपोर्ट दर्ज करवाकर वीर नारायण सिंह को गिरफ्तार करवाया गया। और 10 दिसम्बर 1857 को फाँसी के फन्दे में उल्टा लटका कर तोप से निर्मम हत्या कर दिया गया। इस तरह वीर सिंह ने जनता के लिय और देश के लिय अपनी जान की कुर्बानी दे दी थी। तब से लेकर आज तक वीर नारायण सिंह को शहीद वीर नारायण सिंह का दर्जा मिला हुआ है। और इनकी शहादत को 10 दिसम्बर को श्रद्धाजलि दिवस के रूप में मनाते आ रहें है। लेकिन फिर भी सोनाखान क्षेत्र का आज तक सर्वांगीड़ विकास नहीं हो सका है। यहां के युवा पीढ़ी गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहें है। सोनाखान के सरपंच मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि चतुर्थ श्रेणी में भी पढ़े लिखे बेरोजगारो को अगर नौकरी या बैंक में लोन व्यापार के लिऐ दे दिया जाये तो क्षेत्र की कुछ गरीबी हद तक दूर की जा सकती है। इसके अलावा इस बैठक में शाहिद वीर नारायण के परिजन भी शामिल हुए। जिसमे राजेन्द्र सिंह दीवान, कुजल सिंह दीवान, हीरालाल पैकरा, सरपंच प्रतिनिधि रामसाय यादव, श्याम लाल पारधी, देवेंद्र सिंह ध्रुव, चंद्रभूषण पैकरा, जयलाल पैकरा, चोवा राम ध्रुव, धनी राम ध्रुव, बाबू लाल सोंनझरी के साथ सर्वा आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष राम ध्रुव मुख्यरूप से शामिल थे।

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