हनुमान मंदिर में मनाया गया धूमधाम से रामनवमी का पर्व
श्रद्धालुओं ने जवारे कलश निकालकर किये विसर्जित

रिपोर्टर@देवानंद विश्वकर्मा
अनूपपुर। हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव‘रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। ग्राम पंचायत बरगवा में स्थित हनुमान मंदिर में 2 अप्रैल को गुरूवार के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया साथ ही जवारे कलश निकालकर विसर्जित किया गया। पं. अविरल गौतम ने बताया कि संसार के पालनहार भगवान श्री विष्णु जी ने धर्म की स्थापना और अधर्म के समूल नाष के लिए त्रेतायुग में धरत पर मनुष्य रूप में अवतार लिया था। भगवानी विष्णु के अवतारो में से एक अवतार त्रेता युग में सरयू नदी के तट पर बसी अयोध्या नगरी में सूर्यवंश कुल राजा के दशरथ की मरहारानी कौषल्या के गर्भ से चैत्र मास के नवमी तिथि अभिजीत मुहुर्त में राम जी ने जन्म लिया था। तब से लेकर आज तक युगों-युगों से चैत्र मास की नवमी तिथि को रामनवमी पर्व मनाया जाता है, उन्हे पुरूषोत्तम यानि श्रेष्ठ पुरूष की संज्ञा दी जाती है। राम जी स्त्री पुरूष में भेद नहीं करते अनेक उदाहरण है जहां वे अपनी पत्नी सीता के प्रति समर्पित व उनका सम्मान करते नजर आते है। भगवान राम समाज में व्याप्त ऊंच नी के भेदभाव को भी नहीं मानते। शबरी के झठूठे बेर खाने का उदाहरण इसे समझने के लिए सर्वोत्तम है। भगवान श्री रामन वेद शस्त्रो के ज्ञाता और समस्त लोाको पर अपने पराक्रम का परचम लहराने वाले है, भगवान श्रीराम अभिन्न कलाओ में निपुण लंकापति रावण के अंहकार के किले को ध्वस्त करने वाले परम पराक्रमी है, रामनवमी के दिन धूमधाम के साथ राम जन्मोत्सव मनाते हुए श्रीरामचरित मानस ग्रंथ का पाठ करना चाहिए, रामलाल को मावा एवं पंजरी का भोग अतिप्रिय है। रामनवमी के दिन उपवास रखने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और ज्ञात अज्ञात सभी तरह के पापों का न हो जाता है। इस अवसर पर हनुमान मंदिर बरगवां पंडित अविरल गौतम, पं. नीरज मिश्रा, प्रदुमन मिश्रा, रुपेश मिश्रा, संदीप मिश्र, प्रियांशु मिश्रा, श्रेयश मिश्रा एवं श्रद्धालुओं शामिल रहे।