अनूपपुर

जबसे चला हूं मेरी मंजिल पे नजर है, मैने कभी मील का पत्थर नही देखाःडॉ तिवारी

रिपोर्टर प्रकाश कुशवाहा

अनूपपुर। शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर जिले का आग्रणी महाविद्यालय ही नही अपितु आदिवासी अंचल का प्रमुख शिक्षा केन्द्र है, जहां स्नातकोत्तर, विज्ञान वाणिज्य की कक्षाएं संचालित है बीए, बीएससी, बी काॅम, एम. ए, एमएससी, एम काॅम में लगभग 2500 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। इस महाविद्यालय में ग्रामोदय विश्‍वविद्यालय चित्रकूट, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय दिल्ली तथा भोज विश्वविद्यालय का भी अध्ययन केन्द्र स्थापित यह काॅलेज अपनी स्थापना के पचासवें अर्थात स्वर्ण जयन्ती वर्ष में प्रवेश कर रहा है काॅलेज की स्थापना के लम्बे अंतराल मे कई उतार चढाव देखे है काॅलेज का जो वर्तमान स्वरुप है इसके पूर्व की संघर्ष एवं संकल्प की दस्तान बड़ी लम्बी है। वर्तमान समय में जहां कोर्ट परिसर है। वह काॅलेज भवन ही था इस महाविद्यालय में कई प्राचार्य और प्रक्षितित प्राध्यापको के कार्यो का भी साक्षी है। महाविद्यालय के वर्तमान प्राचार्य डाॅ. परमानन्द तिवारी असाधारण प्रतिमा के धनी व्यक्ति है, इनके जीवन का ध्येय वाक्य रहा है कि जबसे चला हूं मेरी मंजिल पे नजर है, मैने कभी मील का पत्थर नही देखा श्री तिवारी 13 अक्टूबर 2013 को महाविद्यालय जैतहरी मे प्राचार्य का पदभार संभाला और 2018 तक रहे उस काॅलेज को सर्वसुविधा युक्त विद्यालय बनकर शा. तुलसी महाविद्यायल अनूपपुर आए तथा 1 सितम्बर 2018 से प्राचार्य प्राचार्य के रुप मे बुनियादी बदलाव किया। ज्ञातव्य हो कि डाॅ. परमानन्द तिवारी के लिए यह लाइने बहुत ही अनुकूल लगता है। जिस तरफ से जाएगे खुद रास्ता बन जाऐगा। अनुशासन, स्वच्छता, न्यायलयीन प्रकरण, लिखित, पेंशन प्रकरण, जर्जर भवन, पुस्तकालय विहीन किताबे, तालाबन्द छात्रावास, असम तक टीलेनुमा मैदान, परीक्षा व्यवस्था, लम्बित प्रकरणों के साथ ही खेलखूद, एनएसएस एसीसी, स्टाफ की कमी सहित सम्पूर्ण समस्याओं का निराकरण शासन प्रशासन जन नेताओं के सहयोग और अपने श्रम संकल्प के बल पर अनथक श्रम करते हुए पूरा किया। बहुआयामी प्रतिमा के धनी प्रो. तिवारी की शासन प्रशासन तमाम पूरे सारोकारों के साथ श्री तिवारी की अपनी साख है, प्रसंगक्त यह भी बताना आवश्‍यक है प्रो. तिवारी इसके पूर्व भी राज्यस्तीय शिक्षक राज्यपाल पुरस्कार, राट्रीय श‍िक्षक पुरस्कार, मा. शिक्षा मंडल सम्मान, जगत गुरु शंकराचार्य राट्रीय शिक्षक पुरस्कार, उच्च श‍िक्षा में शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम पुरस्कार, एयर इंडिया वोल्ट एवार्ड, समरस्ता स्वर्ण जागरण सेवा सम्मान, सृजन सम्मान जैसे अनेक सम्मान पुरस्कार से समय-समय पर सम्मानित किये गए है। महाविद्यालय में कई राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों के संयोजक पत्र पत्रिकाओं मे रचनाओं का प्रकाशन डाॅ. तिवारी के निर्देशन में 15 शोध कार्य कर चुके है। श्री तिवारी पर्यावरण वाहिनी के संयोेजक रहे तथा कई राष्ट्रीय राज्य स्तरीय एनजीओ, एनएसएस तथा कर्मचारी कल्याण एवं समाज सेवी शिक्षा में भी डॉ तिवारी समय समय पर अहम भूमिका निभाते रंहें हैं।

Related Articles

Back to top button